Wednesday, 12 June 2019

इंटरप्रेटर दे श-विदेश में डिमांड


ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में करियर के बहुत- सेनए फील्ड डेवलप हुए हैं। इस ग्लोबलाइजेशन का असर भारत में भी पड़ा है। ऐसा ही एक फील्ड है लैंग्वेज इंटरप्रेटर। लैंग्वेज इंटरप्रेटर की डिमांड आज प्राइवेट कंपनीज से लेकर गवर्नमेंट ऑग्रेनाइजेशंस में भी देखी जा रही है। इस फील्ड में आने वाले युवाओं को अच्छी सैलरी के साथ-साथ देशिवदेश घूमने का पूरा मौका भी मिलता है। कई मल्टीने शनल कंपनीज में अलग से लैंग्वेज इंटरप्रेटर को अप्वाइंट किया जाता है। जानकारों के मुताबिक जै से- जैसे फॉरेन कंपनीज का विस्तार भारत में होगा, लैंग्वेज इंटरप्रेटर की डिमांड बढ़ती जाएगी
कार्य क्षेत्र - एक सफल इंटरप्रेटर अच्छा अनुवादक भी होता है। लैंग्वेज इंटरप्रेटर बनने के लिए सबसे पहले अपने आपको अनुवादक या ट्रांसलेटर के तौर पर स्थापित करना होता है। लैंग्वेज पर पूरी तरह से पकड़ बनानी पड़ती है। बात चाहे विदेशी फिल्मों की, हिंदी या दूसरी भाषाओं में डबिंग की हो, डेलिगेशन में लैंग्वेज को ट्रांसलेट करना हो या सीधे किताबों का अनुवाद करना हो, तो लैंग्वेज इंटरप्रेटर की जरूरत हर जगह होती है। 
डिमांड - इंटरप्रेटर यानी द्विभाषिए की जरूरत कुछ समय पहले तक ज्यादा नहीं थी, लेकिन हाल ही के कुछ वर्षो में द्विभाषियों की जरूरत कई स्तरों पर महसूस की जाने लगी है। सरकार में लोकसभा-राज्यसभा से लेकर विदेश मंत्रालय में द्विभाषियों की जरूरत काफी ज्यादा है। विदेश में जाने वाले कई डेलिगेशन्स में मिनिस्टर्स अपने साथ इंटरप्रेटर (द्विभाषिए) जरूर ले जाते हैं। खासतौर पर चीन व कई यूरोपीय देशों में, रूस में और खाड़ी स्थित देशों में जाते समय इनकी ज्यादा जरूरत होती है।
 स्किल्स - अनुवाद का काम महज डिग्री व डिप्लोमा से ही सीखा नहीं जा सकता। इसके लिए निरंतर अभ्यास और व्यापक ज्ञान की भी जरूरत पड़ती है। यह दो भाषाओं के बीच पुल का काम करता है। अनुवादक को इस कड़ी में स्रेत भाषा से लक्ष्य भाषा में जाने के लिए दूसरे के इतिहास और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि का भी ज्ञान हासिल करना पड़ता है। एक प्रोफेशनल अनुवादक बनने के लिए कम से कम स्नातक होना जरूरी है। इसमें दो भाषाओं के ज्ञान की मांग की जाती है। उदाहरण के तौर पर इंग्लिश-हिंदी का अनुवादक बनना है, तो आपको दोनों भाषाओं के व्याकरण और सांस्कृतिक व ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का ज्ञान जरूर होना चाहिए। 
करियर के लिहाज से देखें, तो इंटरप्रेटर को प्रथम श्रेणी के अधिकारी का दर्जा प्राप्त होता है। विदेशी कंपनियों को किसी देश में व्यवसाय स्थापित करने या टूरिस्ट को भी इंटरप्रेटर की जरूरत पड़ती है। एक इंटरप्रेटर यहां भी स्वतंत्र रूप से अपनी सेवा दे सकता है।

कोर्स - 
  1. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से परशियन लैंग्वेज में सर्टिफिकेट, बैचलर डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। 
  2. कर्नाटक यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन जर्मन लैंग्वेज और परशियन लैंग्वेज में बैचलर और पीएचडी कर सकते हैं। 
  3. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जर्मन, फ्रेंच और इटैलियन, रशियन, जैपनीज लैंग्वेज में डिप्लोमा, डिग्री और मास्टर्स कर सकते हैं। 
  4. दिल्ली यूनिवर्सिटी से परशियन, फ्रेंच, जर्मन, इटैलियन, सरबियन लैंग्वेज में बैचलर डिग्री, मास्टर्स और पीएचडी कर सकते हैं। 
  5. जेएनयू दिल्ली से फ्रेंच, जर्मन, चाइनीज, स्पैनिश, जै पनीज लैंग्वेज में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, बैचलर और पीजी कोर्स कर सकते हैं।

Wednesday, 27 March 2019


Thursday, 30 August 2018

हिन्दी पिल्मों में राखी गीत


  हिन्दी पिल्मों में राखी गीत 
रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन वेफ् अटूट स्नेह को प्रदर्शित करने ज्ञााला है। इस कार आधारित गीतो ने श्रोताओं वेफ् दिल कार अमिट छाका छोत्रडी है। 
निर्माता एल ज्ञाी प्रसाद की 1959 में प्रदर्शित फिल्म 'छोटी बहन' संभज्ञातः काहली फिल्म थी, जिसमें भाई-बहन वेफ् कयार भरे अटूट रिश्ते को रुकाहले कारदे कार दिखाया गया था। इस फिल्म में बलराज साहनी ने बडे भाई और नन्दा ने छोटी बहन की भूमिका निभायी थी। शैलेन्द्र का लिखा और लता मंगेशकर द्वारा गाया फिल्म का यह गीत 'भइया मेरे राखी वेफ् बंधन को निभाना..' बेहद लोकप्रिय हुआ था। रक्षाबंधन वेफ् गीतों में इस गीत का ज्ञिाशिष्ट स्थान आज भी बरकरार है।
निर्माता. निर्देशक ए. भीम सिंह ने भाई.बहन वेफ् रिश्ते कार आधारित दो फिल्में-राखी और भाई बहन बनायीं। ज्ञार्ष 1962 में प्रदर्शित फिल्म रॉखी में अशोक वुफ्मार और ज्ञाहीदा रहमान ने भाई-बहन की भूमिका निभायी थी। ज्ञार्ष 1968 में प्रदर्शित भाई-बहन में सुनील दत्त और नूतन मुख्य भूमिकाओं में थे।

इसी दौर में अनकाढ (1962)और काजल फिल्म में भाई-बहन वेफ् काज्ञिात्र प्रेम कार दो खूबसूरत गीत कोश किए गए। इनमें अनकाढ का माला सिन्हा कार लता मंगेशकर की आज्ञााज में फिल्माया गीत-रंग बिरंगी राखी लेकर आई बहना... आज भी दर्शकों और श्रोताओं को अभिभूत कर देता है। काजल फिल्म में बलराज साहनी भाई की भूमिका में थे। फिल्म में मीना वुफ्मारी कार बेहद खूबसूरत गीत -'मेरे भइया मेरे चंदा मेरे अनमोल रतन' का फिल्मांकन किया गया था। रज्ञिा वेफ् संगीत निर्देशन में इस गीत को काार्श्व गायिका आशा भोंसले ने स्ज्ञार दिया था।

 बिमल राय की बंदिनी में भी यह बेहद मार्मिक गीत था. जिसमें बहन अकाने किाता से भाई को साज्ञान में भेजने का अनुरोध करती है-'अब वेफ् बरस भेज भइया को बाबुल साज्ञान में दीजो बुलाय रे।' बहन की ज्ञयथा को बतलाने ज्ञााले शैलेन्द्र के लिखे और एस डी बर्मन वेफ् स्ज्ञारबध्द किये इस गीत को भी आशा भोंसले ने अकाना कर्णप्रिय स्ज्ञार दिया था।
सुनील दत्त और जयश्री को लेकर 'दीदी' नाम से एक फिल्म भी बनी थी, जिसमें लता मंगेशकर की आज्ञााज में जयश्री कार एक सुमधुर गीत 'मेरे भइया को संदेसा काहुंचाना कि चंदा तेरी जोत जले' का फिल्मांकन किया गया था1  फिल्म में सुनील दत्त भाई की भूमिका में थे।

 ज्ञार्ष 1971 में रिलीज ..हरे रामा हरे वृफ्ष्णा में देज्ञाानन्द और जीनत अमान ने भाई-बहन की भूमिका निभायी थी। फिल्म का गीत.. 'फूलों का तारों का सबका कहना है. एक हजारों में मेरी बहना है' आज भी सदाबहार गीतों में शामिल है, रेशम की डोरी, में सुमन कल्याणकाुर का गाया-'बहना ने भाई की कलाई से कयार बांधा है' रक्षाबंधन कार आज भी रेडियो कार खूब बजता है।

 इसी तरह फिल्म बेईमान का 'ये राखी बंधन है ऐसा' (सच्चा झूठा), 'मेरी कयारी बहनिया बनेगी दुल्हनियां' (चम्बल की कसम', 'चंदा रे मेरे भइया से कहना' (कयारी बहना), राखी वेफ् दिन...(हम साथ साथ हैं), 'छोटे छोटे भाइयों वेफ्' (तिरंगा), 'इसे समझो न रेशम का तार' (रिश्ता कागज का), 'ये राखी की लाज तेरा भइया निभायेगा) आदि गीत भी काफी लोकप्रिय हुए।
कुछ समय भाई-बहन वेफ् रिश्तों कार आधारित फिल्मों में रॉखी का एक न एक गीत जरूर हुआ करता था लेकिन अब न तो इस तरह की फिल्में बन रही है और न ही रॉखी वेफ् गीत लिखे जा रहे है। तीन-चार साल काहले तक भी भाई-बहन वेफ् स्नेहकाूर्ण अटूट संबंधों को चित्रित करने ज्ञााली फिल्में बनती रही हैं लेकिन उनमें रक्षा बंधन को लेकर कोई गीत नहीं था और अब तो यह सिलसिला लगभग टूट ही गया है। 


Friday, 19 January 2018

UPPSC RO AND ARO परीक्षा योजना

UPPSC, ALLAHABAD

समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी आदि सामान्य चयन परीक्षा - 2017

परीक्षा योजना तथा प्रारम्भिक परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम
1- सामान्य अध्ययन (वस्तुनिष्ठ प्रकारक)
समय- दो घन्टे                  प्रश्न- 140                       पूर्णांक- 140
1. सामान्य विज्ञान, 2. भारत का इतिहास, 3. भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन, 4. भारतीय राज्य तंत्र, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति, 5. भारतीय कृषि, वाणिज्य एवं व्यापार, 6. जनसंख्या , पर्यावरण एवं नगरीकरण (भारतीय परिप्रेक्ष्य में) 7. विश्व भूगोल तथा भारत का भूगोल और प्राकृतिक संसाधन, 8. अधुनातन राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण घटनाक्रम, 9. सामान्य बौद्विक क्षमता, 10. उत्तर प्रदेश की शिक्षा़, संस्कृति, कृषि, उद्योग, व्यापार एवं रहन-सहन और सामाजिक प्रथाओं के सम्बन्ध में विशिष्ट जानकारी।
2- सामान्य हिन्दी (प्रारम्भिक परीक्षा)
(सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण) (वस्तुनिष्ठ) (Objective)
समय- एक घन्टा                       प्रश्न- 60                       पूर्णांक- 60

¼i½ विलोम                                             (10 शब्द)                            
¼ii½ वाक्य एवं वर्तनी शुद्धि                       (10 वाक्य)                           
¼iii½ अनेक शब्दो के एक शब्द                                   (10 शब्द)                            
¼iv½ तत्सम एवं तद्भव शब्द                               (10 शब्द)                            
¼v½ विशेष्य और विशेषण                       (10 शब्द)                            
¼vi½ पर्यायवाची शब्द                                     (10 शब्द)                            
                                                                                                                                                                                योग 200 अंक
परिशिष्ट - 5
मुख्य परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम
1- सामान्य अध्ययन (प्रारम्भिक परीक्षा जैसा)
समय - दो घन्टे                        प्रश्न - 120                                             पूर्णांक - 120
2- सामान्य हिन्दी एवं आलेखन
खण्ड-1 (परम्परागत) (Subjective)
समय - ढाई घन्टे                                              पूर्णांक - 100
(1) दिये हुए गद्यांश का शीर्षक, सारांश एवं तीन रेखांकित अंशों की व्याख्या 3+6+12                 21 अंक
(2) किसी दिये हुए सरकारी पत्र का सारिणी रूप (Tabular Form ) में सार लेखन।       15 अंक
(3) पत्राचार                                                                24 अंक
                ¼i) शासकीय/अर्द्धशासकीय पत्र
                ¼ii½ कार्यालय आदेश/ज्ञाप/परिपत्र
                ¼iii½ विज्ञप्ति/टिप्पण एवं प्रतिवेदन/अनुस्मारक
(4) पारिभाषिक शब्दावली (प्रशासनिक एवं वाणिज्यिक शब्दावली)    
                ¼i) अंग्रेजी से हिन्दी         (पांच शब्द)                                           10 अंक
                ¼ii½ हिन्दी से अंग्रेजी         (पांच शब्द)                                           10 अंक
                ¼iii½ मुहावरे तथा लोकोक्तियां  (केवल 05)                                                                                           10 अंक
(5) कम्प्यूटर ज्ञान                                                           10 अंक
खण्ड - 2
सामान्य शब्द ज्ञान एवं व्याकरण (वस्तुनिष्ठ) (Objective)
समय - आधा घन्टा                                                   पूर्णांक - 60
¼i) विलोम                       (6 शब्द)                              12 अंक
¼ii½ वाक्य एवं वर्तनी शुद्धि           (6 वाक्य)                                       12 अंक
¼iii½ अनेक शब्दां के एक शब्द                       (6 शब्द)                              12 अंक
¼iv½ तत्सम एवं तद्भव शब्द         (6 शब्द)                              12 अंक
¼v½ विशेष्य और विशेषण           (6 शब्द)                              12 अंक

3- हिन्दी निबन्ध
समय - तीन घन्टे                                                    पूर्णांक - 120
                इस प्रश्न पत्र के अन्तर्गत तीन प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न के एक-एक शीर्षक (क/ख/ग) का चयन करते हुए (दी गयी शब्द सीमा में) कुल तीन निबन्ध लिखने होंगे।
(1)          (क) साहित्य और संस्कृति          शब्द सीमा 600                                                        40 अंक
                (ख) सामाजिक क्षेत्र
                (ग) राजनीतिक क्षेत्र

(2)          (क) विज्ञान, पर्यावरण एवं प्रौद्योगिकी शब्द सीमा 600                                                 40 अंक
                (ख) आर्थिक क्षेत्र
                (ग) कृषि एवं व्यापार
(3)          (क) राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय घटनाक्रम      शब्द सीमा 600                                                 40 अंक
                (ख) प्राकृतिक आपदायें-भूस्खलन, चक्रवात, भूकम्प, बाढ़, सूखा इत्यादि।
                (ग) राष्ट्रीय विकास योजनायें
                                                                                                                     ¼120+160+120=400½

समीक्षा अधिकारी (हिन्दी) तथा समीक्षा अधिकारी (उर्दु) पदों हेतु अभ्यर्थियों के लिए पाठ्यक्रम सम्बन्धी विशेष अनुदेशः-
मुख्य परीक्षा में समीक्षा अधिकारी (हिन्दी) तथा समीक्षा अधिकारी (उर्दु) पद हेतु निर्धारित पाठ्यक्रमानुसार अनुवाद के पृथक से एक-एक अर्हकारी प्रकृति (Qualifying Nature) के अतिरिक्त प्रश्न पत्र होंगे। उक्त प्रश्न-पत्र परम्परागत प्रकारक होंगे, जिनकी समयावधि 3 घंटे तथा पूर्णांक 100 होगा। समीक्षा अधिकारी (हिन्दी) एवं समीक्षा अधिकारी (उर्दु) के पदों हेतु अधिमान्यता प्रदान करने वाले अभ्यर्थियों को अनुवाद के उक्त प्रश्न-पत्र में न्यूनतम 33 : अर्थात 100 में 33 अंक प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा। 33 : से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को प्रश्नगत दोनों पदों हेतु अपात्र माना जायेगा। उपर्युक्त पदों हेतु केवल वहीं अभ्यर्थी पात्र माने जायेंगे, जिन्होंने अपने आन-लाइन आवेदन में उक्त पदों हेतु दावा किया है एवं प्रारम्भिक परीक्षा के आधार पर मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए सफल घोषित किये गये हैं। प्रश्नगत् पदों पर चयन हेतु परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की मेरिट का निर्धारण सभी अभ्यर्थियों के साथ मुख्य परीक्षा में अर्जित कुल प्राप्ताकों के आधार पर किया जायेगा अर्थात् अन्तिम चयन सूची में अभ्यर्थियों की श्रेष्ठता के निर्धारण में उक्त अर्हकारी प्रश्न-पत्रों के अंकों को नहीं जोड़ा जायेगा।
उपरोक्त पदों हेतु अनुवाद सम्बन्धी प्रश्नपत्रों का पाठ्यक्रम निम्नवत् है-
Syllabus for Samiksha Adhikari (Hindi)
Translation from English to Hindi and from Hindi to English
Max. Mark- 100
Time-3Hrs.
Part-1
(Translation from English to Hindi)
Syllabus
1-    Translation from English to Hindi of an extract from a Press Communique,
Press Article or Government Resolution.                                                       30 Marks
2-    Translation from English to Hindi of a section or some Sections
of an act of the legislature.                                                                             10 Marks
3-    Explanation of common expressions, clichés etc, which might be met
with in either of the above, technical-official words.                                      10 Marks
Part-2
(Translation from Hindi to English)
4-    Translation of a portion of news paper article, speech, letter etc.                  30 Marks
5-    Translation of words and expressions commonly used in the
above circumstances into idiomatic equivalents in English.                          10 Marks
6-    Explanation of common expressions, clichés etc, which might                   
be met with in either of the above, technical-official words.                          10 Marks
Syllabus for Samiksha Adhikari (Urdu)
Translation from English to Urdu and from Urdu to English
Max Marks-100
Time-3Hrs.
Part-1
(Translation from English to Urdu)
1-    Translation from English to Urdu of an exract from a Press Communique,
Press Article or Government Resolution.                                                       30 Marks
2-    Translation from English to Urdu of a section or some Sections of
an act of the legislature.                                                                                  10 Marks
3-    Explanations of common expressions, clichés etc, which might be met
with in either of the above, technical-official words.                                      10 Marks
Part-2
(Translation from Urdu to English)
4-    Translation of a portion of news paper article, speech, letter etc.                  30 Marks
5-    Translation of words and expressions commonly used in the above
circumstances into idiomatic equivalents in English.                                     10 Marks
6-    Explanation of common expressions, clichés etc, which might be
met with in either of the above technical-official words.                                10 Marks            

Saturday, 21 December 2013

जीवन के प्रति नजरिया विकसित करें

जीवन के प्रति नजरिया विकसित करें 
हर व्यक्ति चाहे वह स्त्री हो या पुरुष आत्म सम्मान पूर्वक जिंदगी जीना चाहता है व स्वयं को उपलब्धियों व कामयाबियों के शिखर पर देखना चाहता है। इन सब बातों में आत्मविश्वास बनाये रखना निहायत ही जरूरी है। कई बार ऐसा होता है कि दूसरे व्यक्ति को अपने से ज्यादा साधन संपन्न व पैसे वाला पाकर हम स्वयं को हीन महसूस करते हैं। ये हमारे आत्मविश्वास की कमी का परिणाम है। स्वयं को किसी से कमतर न आंकें व स्वयं के गुणों में वृध्दि करें।
अपनी योग्यताओं को जानें 
अपने आत्म सम्मान को आहत करने की बजाय आप अपनी खूबियों को पहचानें। वह समझें कि हर दुख के पीछे सुख और अंधकार के पीछे प्रकाश छिपा होता है। कामकाज के क्षेत्र में कभी भी खुद की तुलना अपने अन्य सहकर्मियों से न करें। अधिकतर कामकाजी महिलाएं अपनी तुलना अन्य सहकर्मियों से करती हैं और ऐसा कर वे स्वयं को हीन या कमतर महसूस करती हैं। याद रखिए हर व्यक्ति में खूबियां और खामियां दोनों ही होती है। कामकाजी महिलाओं को यह बातें समझना चाहिए कि नौकरी करना ही जिंदगी नहीं है। जीवन में नौकरी के अलावा और भी बहुत कुछ है। इस सच को समझें कि जीवन में पैसा बहुत कुछ होता हैपर सब कुछ नहीं होता। नौकरी आपको कुछ करने का आपके व्यक्तित्व की रिक्तता को भोगने का सशक्त माध्यम है।
जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण अपनाएं 
एक मनोवैज्ञानिक का कहना है कि उनके पास अनेक सुंदर महिलाएं आती हैं। जो अपनी सुंदरता के बारे में कम ही ख्याल रखती है। वे देखने में तो निहायत सुंदर हैं पर खुद को मन से बदसूरत समझती हैं। उनके अनुसार ऐसी सोच वाली महिलाओं को आत्म विश्लेषण करना चाहिए और उन्हें इस कार्य में अपनी किसी अंतरंग सहेली या दोस्त की मदद लेनी चाहिए। 
अपनी मदद स्वयं करें 
आप ही अपने आत्मसम्मान की रक्षा कर सकती हैं। इन संदर्भ में कोई दूसरा आपकी मदद नहीं कर सकता। आत्म सम्मान का यह भाव मात्र एक दिन में ही पैदा नहीं होता। जैसे कि एक इमारत ईंट दर ईंट रखकर तैयार होती है ठीक वैसे ही आत्मसम्मान का भावभी एक एक संकल्प से पैदा होता है। 
स्वास्थ्य का रखें ध्यान 
अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा कदापि न करें। योगासन व व्यायाम करें। पौष्टिक आहार करें। पानी जमकर पिए। खानपान में फलों को जरूर स्थान दें। स्वास्थ्य अच्छा रहने से जहां आपकी कार्यक्षमता बत्रढेगी वहीं आपकी महत्ता का भी बोध होगा।
 तलाशें अपनी प्रतिभा 
हर व्यक्ति को प्रकृति ने कुछ न कुछ विशिष्ट शक्ति प्रदान की है। आप में भी प्रतिभा मौजूद है। जरूरत इस बात की है कि आप अपनी उस छिपी प्रतिभा को तलाशें।
करें आत्म प्रेम
आप जैसी हैं जो भी हैं उसी रूप में स्वयं की कमियों को भी स्वीकारें, स्वयं को प्यार करें। आत्मप्रेम का भाव जागृत करने की इस मनोवैज्ञानिक विधि पर अमल करें। खुद को सराहें और स्वयं को देखकर मंद-मंद मुस्कुराएं।

Friday, 9 November 2012

अच्छे काम का पुरस्कार




एक बूढ़ा रास्ते से कठिनता से चला जा रहा था। उस समय हवा बड़े जोरों से चल रही थी। अचानक उस बूढ़े की टोपी हवा से उड़ गई।

 उसके पास होकर दो लड़के स्कूल जा रहे थे। उनसे बूढ़े ने कहा- 

मेरी टोपी उड़ गई है, उसे पकड़ो। नहीं तो मैं बिना टोपी का हो जाऊंगा।

वे लड़के उसकी बात पर ध्यान न देकर टोपी के उड़ने का मजा लेते हुए हंसने लगे। इतने में लीला नाम की एक लड़की, जो स्कूल में पढ़ती थी, उसी रास्ते पर आ पहुंची।
 
WD
उसने तुरंत ही दौड़कर वह टोपी पकड़ ली और अपने कपड़े से धूल झाड़कर तथा पोंछकर उस बूढ़े को दे दी। उसके बाद वे सब लड़के स्कूल चले गए। 
गुरुजी ने टोपी वाली यह घटना स्कूल की खिड़की से देखी थी। इसलिए पढ़ाई के बाद उन्होंने सब विद्यार्थियों के सामने वह टोपी वाली बात कही और लीला के काम की प्रशंसा की तथा उन दोनों लड़कों के व्यवहार पर उन्हें बहुत धिक्कारा।

शिक्षा
यह कहानी हमें शिक्षा देती है कि हमें कभी भी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। साथ ही हमें हर जरूरतमंद व्यक्ति की हमेशा मदद करनी चाहिए चाहे वो छोटा हो या बड़ा।
इसके बाद गुरुजी ने अपने पास से एक सुंदर चित्रों की पुस्तक उस छोटी लड़की को भेंट दी और उस पर इस प्रकार लिख दिया- लीला बहन को उसके अच्छे काम के लिए गुरुजी की ओर से यह पुस्तक भेंट की गई है।

जो लड़के गरीब की टोपी उड़ती देखकर हंसे थे, वे इस घटना का देखकर बहुत लज्जित और दुखी हुए।

 prayagraj