UPSC
प्रारम्भिक परीक्षा
प्रारंभिक परीक्षा का पहला पत्र सामान्य अध्ययन का होगा। इसके लिए 200 अंक निर्धारित किए गए हैं। प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करने से पहले छात्रों को विगत 8 से 10 वर्षाें में पूछे गए प्रश्नों का विश्लेषण कर यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि किस टापिक से कितना प्रश्न पूछा जाता है तथा उसकी प्रकृति क्या है। इसके लिए विषयगत वर्गीकरण कर एक सारणी बना लेनी चाहिए। इसके लिए विषयगत वर्गीकरण कर एक सारणी बना लेनी चाहिए। जिससे कोर टापिक सहजता से ज्ञात किया जा सके। यद्यपि प्रारंभिक परीक्षा में इस तरह की चयनात्मकता बहुत उपयुक्त नहीं कही जा सकती, लेकिन इससे तैयारी को एक दिशा अवश्य मिल जाती है। विभिन्न टापिकों से पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या को देखकर छात्र अपनी अध्ययन की रणनीति निर्धारित कर सकते हैं। इससे उन्हें सामान्य अध्ययन के विभिन्न खण्डों से प्रश्न पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या एवं प्रकृति के आधार पर अपना समय निर्धारित करने में भी मदद मिलेगी।
प्रारंभिक परीक्षा का दूसरा पत्र क्वालिफाइंग नेचर का होता है जिसमें उत्तीर्ण होना आवश्यक है। समय 2 धंटे होता है। इस पत्र में अनुत्तीर्ण होने पर आप पहले प्रश्न पत्र में अनुत्तीर्ण माने जाएंगे। इस प्रकार इस पत्र को भी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
मुख्य परीक्षा
मुख्य परीक्षा प्रारंभिक परीक्षा से अलग है। यहां विश्लेषण की अधिक जरूरत पड़ती है। पर जिस प्रकार से पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है उससे तो साफ स्पष्ट है कि प्रारंभिकी एवं मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन बहुत हद तक समान हो गए हैं। विश्लेषण दोनों जगह है। समसामयिकी और सामान्य ज्ञान की भूमिका दोनों जगह अधिक हो गयी है। ये समानताए यही कहती हैं कि अब सामान्य अध्ययन की तैयारी प्रारंभिकी और मुख्य परीक्षा के लिए अलग-अलग नहीं की जा सकती। समाचारपत्रों एवं पत्रिकाओं की भूमिका दोनों जगह काफी महत्वपूर्ण हो गयी है। सही तैयारी के लिए पहले सामान्य अध्ययन के पिछले 4-5 साल के प्रश्न पत्रों का अवलोकन अवश्य करें। पिछले वर्ष के प्रश्नों के अवलोकन से आप विभिन्न खण्डों से पूछे गए प्रश्नों की संख्या एवं उसके अंकों के विभाजन से अच्छी तरह वाकिफ हो जाएंगे। इसे बाद विभिन्न खण्डों के लिए रणनीति बनाने में आसानी होगी।
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